प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है जो विद्युत चुम्बकीय तरंगों | (Electro-magnetic waves) के रूप में संचरित होती है। हमें प्रकाश का ज्ञान आँखों द्वारा प्राप्त होता है। प्रकाश एक साधन है जो वस्तुओं को देखने में सहयोग करता है। प्रकाश की अनुपस्थिति को अंधकार कहते हैं। किसी वस्तु को हम तभी देख सकते हैं जब उस पर प्रकाश पड़ता है, या वस्तु स्वयं दीप्तिमान होती है। प्रकाश वस्तुओं को दृश्यमान बनाता है। प्रकाश का अभिज्ञान हमें अपने नेत्रों द्वारा होता है। प्रकाश सरल रेखा में गमन करता है। जिन वस्तुओं के पार प्रकाश नहीं गुजर सकता है उन्हें अपारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं तथा जिन वस्तुओं के पार प्रकाश गुजर सकता है उन्हें पारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं।
• प्रकाश का विद्युत चुम्बकीय तरंग-सिद्धान्त प्रकाश के केवल कुछ गुणों की व्याख्या कर पाता है, जैसे- प्रकाश का परावर्तन, प्रकाश का अपवर्तन, प्रकाश का सीधी रेखा में गमन, प्रकाश का विर्वतन, प्रकाश का व्यतिकरण एवं प्रकाश का ध्रुवण ।
• विद्युत चुम्बकीय तरंग अनुप्रस्थ होती है। अतः प्रकाश भी अनुप्रस्थ तरंग है।
● प्रकाश के प्रकाश विद्युत प्रभाव तथा क्रॉम्प्टन सिद्धान्त आदि गुणों की व्याख्या आइन्स्टीन द्वारा प्रतिपादित प्रकाश के फोटॉन सिद्धान्त द्वारा की जाती है। ये दोनों प्रभाव प्रकाश की कण प्रकृति को प्रकट करते हैं।
प्रकाश के स्रोतः प्रकाश के स्रोत दो प्रकार के होते हैं
1. प्राकृतिक
2. कृत्रिम
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