Importance and Application recombinant DNA

 पुनर्गठित DNA के महत्त्व (Importance and Application (recombinant DNA) - पुनर्गठित DNA के महत्वों का निम्न प्रकार से अध्ययन वि जा सकता है।



(i) मेडिकल महत्त्व (Medical Application).


(ii) औद्योगिक महत्त्व ( Industrial Applications), 


(iii) पर्यावरणीय महत्त्व (Environmental Applications),


(iv) कृषि विज्ञान में महत्त्व (Agricultural Applications एवं जीव वैज्ञाि


क्रियाओं को समझने का महत्त्व


(i) मेडिकल महत्त्व- आनुवांशिक अभियांत्रिकी के मेडिकल महत्त्व, एन्जाइम, यो एण्टीबॉडी, हॉरमोन्स, विटामिन्स एवं एण्टीबायोटिक्स आदि के उत्पादन में है। इ अतिरिक्त इसकी सहायता से जीवों मे आनुवांशिक रोगों का उपचार भी किया जाता उदाहरण के लिए मानव इन्सुलिन (Insulin) जीन को यदि जीवाणु में आरोपित कर जाए तो, वह जीवाणु भी इन्सुलिन का संश्लेषण करने में सक्षण बन सकता । इस प्रकार इन्सुलिन, मानव इन्सुलिन के समान ही होता है। इस प्रकार, कृत्रिम रूप से इन्सुलिन निर्माण कर मधुमेह (Diabetics) रोग का उपचार संभव हो। इसी प्रकार हरबर्ट वायर सन् 1977 में इस प्रकार के E.Coli का निर्माण किया जो मानव वृद्धि हॉरमोन का संश्ले करने में सहायक थी। यह हारमोन, हाइपोथैलेमस (Hypothalums) द्वारा स्रावित कि जाता है।


यूरोकाइनेज (Urokinase) एन्जाइम जो रक्त के थक्के (Clot) को घोलने में आता है, सूक्ष्मजीवों में आनुवांशिक अभियांत्रिक (Genetic-Engineering) द्वारा किया जा चुका है।


आनुवांशिक अभियांत्रिकी का उपयोग, एण्टीबॉडीज (Antibodies) उत्पन्न कर किया जाता है।

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