कोशिक ऊतक अंग अंगतंत्र शरीर पांचन तंत्र (Digestive system)
* मानव में भोजन का अन्तर्ग्रहण, पाचन तथा अवशोषण पाचन तंत्र में
होता है। * मुँह में भोजन चबाने का कार्य किया जाता है साथ चार लार ग्रंथियों द्वारा
लार भोजन में मिलायी जाती है।
* भोजन सर्वाधिक समय तक आमाशय (stomach) में रहता है। हल्का अम्लीय जठर रस का स्राव आमाशय के पाइलोरिक भाग से होता
आमाशय से स्रावित हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) भोजन को अम्लीय
बनाता है तथा साथ ही एन्जाइम क्रियाओं को तीव्र कर देता है।
* ग्रहणी या ड्यूडीनम में यकृत से आने वाले पित्त रस भोजन को क्षारीय
से
बनाता है।
● ग्रहणी में भोजन में अग्नाशय रस मिलता है जो प्रोटीन (ट्रिप्सिन एन्जाइम), स्टार्च (एमाइलेज एन्जाइम) व वसा (लाइपेज एन्जाइम) को सरल कणों में तोड़ता है।
पाचन की क्रिया छोटी आँत में पूर्ण होती है तथा भोजन का अवशोषण होता है।
* छोटी आँत पतली कुण्डलित लगभग 6 मीटर लम्बी नली होती है।
* भोजन अवशोषण के लिए आँतों में रसांकुर झिल्ली पाई जाती है। * अपचित भोजन को गुदा द्वारा बाहर त्याग दिया जाता है।
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