1. प्राथमिक सेल:
इनमें रासायनिक ऊर्जा सीधे ही विद्युत ऊर्जा में बदलती है। इन सेलों में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ अनुत्क्रमणीय होती है- अर्थात् ऊर्जा का रूपान्तरण एक ही बार होता है। इनमें वोल्टिक सेल, लेक्लांशी सेल, सूखा सेल, डेनियल सेल आदि प्रमुख हैं।
2. द्वितीयक सेल अथवा संचायक सेल :
द्वितीयक या संचायक सेल उन सेलों को कहते हैं जिनमें जब बाह्य स्त्रोत से धारा प्रवाहित की जाती है तब विद्युत ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा के रूप में संग्रहित हो जाती है। तथा जब इस सेल से किसी परिपथ में धारा प्रवाहित की जाए तो रासायनिक ऊर्जा पुनः विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है इन सेलों में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ उत्क्रमणी होती है। अत: इनको उत्क्रमणीय सेल (Revers ible Cell) भी कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं -
(1) सीसा संचायक सेल (2) क्षारीय संचायक सेल
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